गुरुवार, 19 मार्च 2009

ये कैसा माली ?

19मार्च 09
मुंबई के मीरा रोड इलाके में आज एक ऐसे बाप को गिरफ्तार किया गया जो बाप कहलाने के लायक नहीं है।अमीर बनने की हवस ने इस आदमी को इतना अंधा कर दिया कि वह अपनी ही बेटियों के साथ कई सालों से बालात्कार करता रहा। इस अपराध में इस आदमी की पत्नी ने भी साथ दिया,सोचते हुए भी दिल सिहर उठता है।किसी तांत्रिक के कहने पर अपनी 12 वर्ष की बेटी का शारीरिक शोषण नौ सालों तक किया।लेकिन जब कुछ नहीं होपाया तो दूसरी बेटी के साथ भी वही व्यवहार दोहराया गया।मामला खुला जब बड़ी बेटी ने देखा कि उसका बाप उसकी छोटी बहन की ज़िन्दगी दाव पर लगा रहा है, उससे रहा नहीं गया और उसने अपने रिश्तेदारों को इस बात की ख़बर दी।पूरा मामला जानना के बाद क़ानून जो सज़ा दे वो इन सभी लोगों के लिए कम है। जिन मां बाप की उगंली पकड़ कर इन मासूमों ने चलना सीखा उन बेरहम मां बाप ने इनकी ज़िंदगी नर्क से भी बत्तर कर दी। बच्चे का पहला स्कूल उसके मां बाप होते है।जब तक बच्चा अपने पैरों पर खड़ा नहीं होता वो मां बाप का सहारा लेता है।लेकिन इस तरह के मां बाप के होते हुए किसी दुश्मन की क्या ज़रुरत ? उस पिता की हिम्मत कैसे हुई अपनी ही बेटियों के साथ इस तरह का व्यवहार करने की ये बात समझ से परे है।कैसे कोई मां अपनी बेटी के साथ इतने सालों तक बालात्कार होते हुए देख सकती है? मासूम बच्चियों पर क्या गुज़र रही होगी इसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता। अमीर बनने की ख्वाहीश में इंसान इतना गिर जाएगा ये पता नहीं था। क्यों ना उन मां बाप को चौराहे पर खड़ा करके फांसी की सज़ा दे दी जाए? जनता इस बात का फैसला क़ानून से बेहतर कर सकती है। क़ानून की कुछ सालों की सज़ा से ऐसे लोगों का ये पाप कम नहीं हो सकता है।